Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -15-Dec-2023

आज हम सभी लोग जानते हैं की जीवन में सभी का अपना-अपना मूड होता है और उसे मूड के लिए अच्छा या खराब भी होता है। रजनी आज फिर ऑफिस के लिए निकलते हुए लेट हो गई थी और बारिश भी बहुत जोरों से बरस रही थी रजनी के दिमाग में ऑफिस जाने जाते हुए तरह के ख्याल आ रहे थे की बस पता नहीं आगे होंगे या गुस्सा होंगे या उनका मूड खराब होगा आज आधुनिक युग में हम सभी को अपनी नौकरी और पहुंच बनाने के लिए कुछ ना कुछ छुपाओ के साथ अलग जीवन में रहस्य रखने पड़ते हैं और जीवन को जीने के लिए आज एक सच और सही कहानी के साथ मूड खराब भी हो सकता है परंतु हम सभी जानते हैं की मूड खराब तो जीवन में सभी का कभी ना कभी हो जाता है ऐसी बातें सोचते हुए रजनी तेज कदमों से अपने फ्लैट से नीचे की ओर आ रही थी फ्लैट में रहने वाले राजेश ने रजनी को तेज कम से नीचे उतारते हुए देखा उसने पूछा भाभी जी क्या बात आज बहुत जल्दी में है आप रजनी अपना पल्लू संभालते हुए हां राजेश भैया आज मैं फिर लेट हो गई हूं और बारिश भी बहुत हो रही है मुझे ऑफिस पहुंचने में लेट हो सकता है राजेश ने सहानुभूति जागते हुए कहा मूड खराब मत करिए भाभी जी कहो तो मैं छोड़ दूं रजनी की तो जैसे की नेकी और पूछ पूछ बस रजनी की तो लग गई। रजनी मन में सोचने लगी चलो कर में चलते हैं थोड़ी छेड़खानी तो करेगा पर समय पर ऑफिस तो पहुंच सकते हैं और रजनी आधुनिक समाज की महिला थी। राजेश दिल फेंक आशिक था। रजनी पल्लू को नीचे सरकाते हुए उसकी कार में जा बैठी और राजेश भी अच्छी कद काठी की थी कि रजनी को निहार रहा था। रजनी की ओर से राजेश की निगाहें है नहीं रही थी। रजनी राजेश से बोली अब चलें कहीं मेरे बॉस का मूड खराब ना हो जाए तो राजेश ने मस्ती लेते हुए कहा जब उनका मूड खराब नहीं होने देंगे हम अपना मूड भी तो खराब नहीं कर सकते आप जैसी शोक हसीना हमारी कर में बैठी रजनी ने मुस्कुरा कर पलकों से आंखों से उसका जवाब दिया और अब चलो भी और राजेश ने झटका के साथ कर स्टार्ट कर दी कर के झटके से रजनी राजेश के कंधे पर जा लगी उफफ राजेश भाभी जी लगी तो नहीं रजनी भी मुस्कुराते हुए मुझे लगी हो या ना लगी हो आपको तो दिल में ठंडक आ गई होगी राजेश मुस्कुराते हुए हम तो इस ठंडक का बेसब्री से इंतजार करते हैं और राजेश कर चलते हुए मस्ती से मजाक करती हुई और भाभी से छेड़खानी करते हुए रजनी के ऑफिस तक छोड़ देते हैं और रजनी फिर अपने पल्लू को संभालते हुए ऑफिस की सीढ़िया पर चढ़ती हुई जा रही है राजेश थैंक यू थैंक यू बोलती हुई राजेश कोई बात नहीं भाभी संभाल कर जाइए कहीं बस का मूड खराब ना हो राजेश ऐसा क्यों रहते हो अभी तो टाइम है ऑफिस में तुम्हारी वजह से में जल्दी पहुंच गई। रजनी ऐसा कहते हुए । अपने ऑफिस में जा पहुंची। और रजनी अपने ऑफिस में पहुंचकर अपने केबिन की ओर बढ़ रही थी तब उनके पास शांतनु ने पुकारा रजनी मेरे केबिन में आओ रजनी मन मन में बुदबुदाती हुई बुढे को भी इतनी जल्दी रहती है और रजनी फाइल लेकर शांतनु के केबिन में जाती है। और रजनी आपका मूड खराब तो नहीं है क्योंकि आज तो आज ऑफिस जल्दी आ गई है आओ एक-एक कप कॉफी हो जाए बारिश भी हो रही है और रजनी उठकर केविन की किचन की ओर चली जाती है और दो कप कॉफी बनाकर लाती है कि बांँस का मूड खराब ना हो जाए। सच तो जिंदगी में रजनी यही सोचती है कि बस जीवन में नौकरी और मूड खराब ही जीवन रह गया है और आज के दौर में आधुनिकता की दौड़ में हम सभी किसी न किसी की मूड खराब ना हो जाए की वजह से जिंदगी जी रहे हैं आओ हम सब भी अपना मूड खराब ना करके कहानी पढ़ते हैं और जीवन की राह पर चलते हैं सच तो यही है कहीं मूड खराब ना हो जाए।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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6 Comments

Khushbu

18-Dec-2023 05:05 PM

Nyc

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Shnaya

17-Dec-2023 02:20 PM

Nice

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kashish

17-Dec-2023 09:22 AM

👌

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